Saturday, 25 March 2017

कनॉट प्लेस पे बकवास

सबने कहा कि हिंदी में ज्यादा लिखा करोइतना साधुवाद मिला कि मन को अपार प्रसन्नता टाइप हो गयीइसलिए जब तक विचार आते जा रहे हैंहम सोच रहे हैं की ज्यादा से ज्यादा अपने चिट्ठे में उड़ेल लें.
एक जगह है दिल्ली में कनॉट प्लेसनाम तो सुना होगायहाँ पर बीचों बीच एक पार्क है जिसको कहते हैं सेंट्रल पार्क और वहां जिस दिन आपको मन होता है अन्दर जाने काये उसी दिन देख रेख के लिए बंद होता हैबाहर से घुमते हुए आप प्रेमी युगलों को भांति भांति की मुद्राओं में देख के शर्मसार हो सकते हैंअधिकतर जोड़ों में मादा रूठी बैठी होती है और नर उसको मना रहा होता हैहर जोड़े में नर का चेहरा देख लीजिये वही कातर निगाहेंवही दयनीय मुस्कानये प्रेमी युवक भी एक अलग ही प्रजाति होती है.
सेंट्रल पार्क के चारों तरफ बाज़ार हैगोलाकार नक्शा है इसलिए आप खो नहीं सकते अगर आप अंग्रेज़ नहीं हैं तोहर बार जब मैं जाता हूँएक न एक विदेशी नक्शा ले के रास्ता पूछता मिल जाता हैपक्का चबूतरा बना है पूरे बाज़ार मेंऔर चिकने चबूतरे के फर्श पे बैठे हैं लोग मोबाइल कवरबैगचूड़ियाँशू पोलिश ले केअंग्रेजों को देखते ही हर माल की कीमत तिगुनी हो जाती हैडॉलर की शक्ति की महिमा है भैयाफिर चाहे गोरा किसी गरीब यूनान सरीखे मुल्क का ही क्यूँ न होहम तो महंगा ही बेचेंगेआपकी चमड़ी गोरी है तो आपकी झंझट है.
गोरों को देख के मेरा मन बहुत करता है मदद करने काभारतीय स्वागत संस्कृति दिखाने कापता नहीं अफ्रीकन लोगों को देख के ये संस्कृति कहाँ चली जाती हैनस्लवाद हमारे देश के खून में दौड़ता है.
इस बाज़ार में बहुत सारी दुकानें हैं और सब मशहूर एक से बढ़कर एकएक बेकरी है वेन्गर्सयहाँ पे पता नहीं चलता पर्ची कहाँ कटानी हैपेस्ट्री कहाँ से लेना हैपैसे कहाँ देने हैंअन्दर जा के एक काउंटर से दुसरे काउंटर का रास्ता पूछना पड़ता हैपर अगर आपने किसी तरफ मोटे अंकल को धकेल केछोटे बच्चे को अलग कर केभीड़ को गच्चा दे केकिसी तरह पेस्ट्री या पैटी या कुछ भी हासिल कर लिया तो समझ लीजिये की आपकी ज़िन्दगी मुकम्मल हैमाल साधारण भी हो तो भी वेंगर्स का है इसलिए अच्छा है.
आगे चल के एक मिल्कशेक की दुकान हैअब दूध तो दूध है भाईइसमें क्या ख़ास होगा पर नहींदिल्लीवालों से मत कह दीजियेगायहाँ पे लाइन लगा के पचास रूपए का दूध पीते हैं एक गिलास बिना मलाई मार केफ्लेवर की बात है तुम क्या समझोगे गाँव का ताज़ा दूध पीने वाले.
और आगे चलेंगे तो पान वाला है एक ओडियन के सामनेओडियन क्या है ये मैं क्यूँ बताऊँतो इस पानवाले ने मुझे पहली बार चुस्की पान खिलाया थामुझे लगा शरीफों का शहर हैशराफत से खिला देगा पर यहीं तो हम मात खा गएचुस्की पान शराफत से खाया जाता है और न खिलाया जाता हैपान की पुंगी बना के उसमे बरफ भर के पानवाला आपसे आ करने को कहता हैआप आ करते हैं और ये नुकीला बर्फयुक्त पदार्थ वो आपके मुंह में ठूंस देता हैऔर ठूंसा तो ठीक पर साथ में वो आपको मुंह बंद रखने बोलता है ठुड्डी पे थपकी मार केमतलब ऐसे कौन खिलाता है भाई?
अगर बरफ से मुंह जम न गया हो तो आगे बढिएऔर भी बहुत दुकानें हैंसबके बारे में तो आज कहना मुश्किल हैइस चिट्ठे को आगे क्रमशः समझिये.

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